गर्भवती महिलाओं और बच्चों को इलाज में बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने शासन ने 100 बिस्तर का मातृ- शिशु अस्पताल जिला अस्पताल परिसर में बनवाया

कुछ दिन पूर्व इस अस्पताल में प्रसव कराने के लिए 20 हजार रुपये की मांग की गई थी। जिसकी शिकायत के बाद सिविल सर्जन ने जांच टीम गठित कर जांच के निर्देश दीए हैं। और अब एक मामला फिर सामने निकल कर आया है। कि बीते रात प्रभारी सिविल सर्जन के.के.जयसवाल ने मातृ शिशु अस्पताल का औचक निरीक्षण किया जहां डॉक्टर वंदना चौधरी ड्यूटी से नदारद रही वहीं एक और डॉ कृष्णा मित्तल जो ड्यूटी से बचने से स्टाफ को आदेश दे रखा था की कोई भी मरीज आए तो उसे रेफर कर देना।ड्यूटी से डॉक्टरों के नदारत रहने से कई गर्भवती महिलाएं दर्द से तड़प रही थी। हालांकि कुछ दिन पूर्व कलेक्टर संजय अलंग ने डॉक्टरों की बैठक लेकर समय पर उपस्थित रहने को कहा था और निरीक्षण के दौरान अनुपस्थित डॉक्टरों का एक दिन का वेतन रोकने के निर्देश भी दिए थे। बावजूद डॉक्टर नोटिस और चेतावनी को गंभीरता से नही ले रहे और समय पर नही पहुंच रहे। फिलहाल सिविल सर्जन ने अनुपस्थित डॉक्टर और रेफर कराने वाले डॉक्टर को नोटिस जारी कर तीन दिन के भीतर स्पष्टीकरण मांगा है।

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