हाईकोर्ट के माध्यम से फ़ाइनल ईयर के छात्रों ने इस परीक्षा में सम्मिलित होने की मांग करते हुए याचिका दायर की है।

शिवा गोरख

बिलासपुर सरकार ने शिक्षा विभाग कि रुकी हुई भर्ती प्रक्रियाओं को पूरा करना शुरू किया है और सीधी भर्ती निकाली है, मगर इसमें कोरोना की वजह से डिग्री हासिल नाकर पाने वाले पीजी छात्रों को मोका नहीं मिल पा रहा है,जिसकी वजह से इन छात्रों ने खुद को परीक्षा में शामिल किए जाने की मांग करते हुए हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है। बता दें कि,छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग ने cgpsc के जरिए शिक्षा विभाग में सहायक प्राध्यापक के पद पर सीधी भर्ती के लिए आवेदन मंगाए है. कई उतार-चढाव के बाद अब एक बार फिर भर्ती निकली गई है, इस बार 18 सितम्बर तक आवेदन भर सकते हैँ. आवेदन भरने वालों को SET परीक्षा पास करना ज़रूरी है, साथ ही पोस्ट-ग्रेजुएशन की डिग्री भी होनी चाहिए. मगर अब यहीं पर पेंच फँस गया है. कोरोना की वजह से पोस्ट ग्रेजुएशन के फ़ाइनल ईयर के छात्रों के पास उनकी डिग्री नहीं है, और बिना डिग्री के वे इस परीक्षा में शामिल नहीं हो सकते है. इस परीक्षा में केवल 2019 के पोस्ट-ग्रेजुएट छात्रों को ही मौका दिया जा रहा है। ऐसे में वे छात्र जिनका अकादमिक सत्र जून 2020 में समाप्त हो रहा है उन्हें परीक्षा में शामिल होने का मौका नहीं मिल पाएगा। अगर कोरोना महामारी नहीं होती तो इन छात्रों को जून महीने में ही डिग्री मिल जाती। कोरोना की वजह से इन छात्रों का साल बर्बाद होने की कगार पर खड़ा है. इसलिए अब

बिलासपुर शिवा गोरख

बिलासपुर सरकार ने शिक्षा विभाग कि रुकी हुई भर्ती प्रक्रियाओं को पूरा करना शुरू किया है और सीधी भर्ती निकाली है, मगर इसमें कोरोना की वजह से डिग्री हासिल नाकर पाने वाले पीजी छात्रों को मोका नहीं मिल पा रहा है,जिसकी वजह से इन छात्रों ने खुद को परीक्षा में शामिल किए जाने की मांग करते हुए हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है। बता दें कि,छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग ने cgpsc के जरिए शिक्षा विभाग में सहायक प्राध्यापक के पद पर सीधी भर्ती के लिए आवेदन मंगाए है. कई उतार-चढाव के बाद अब एक बार फिर भर्ती निकली गई है, इस बार 18 सितम्बर तक आवेदन भर सकते हैँ. आवेदन भरने वालों को SET परीक्षा पास करना ज़रूरी है, साथ ही पोस्ट-ग्रेजुएशन की डिग्री भी होनी चाहिए. मगर अब यहीं पर पेंच फँस गया है. कोरोना की वजह से पोस्ट ग्रेजुएशन के फ़ाइनल ईयर के छात्रों के पास उनकी डिग्री नहीं है, और बिना डिग्री के वे इस परीक्षा में शामिल नहीं हो सकते है. इस परीक्षा में केवल 2019 के पोस्ट-ग्रेजुएट छात्रों को ही मौका दिया जा रहा है। ऐसे में वे छात्र जिनका अकादमिक सत्र जून 2020 में समाप्त हो रहा है उन्हें परीक्षा में शामिल होने का मौका नहीं मिल पाएगा। अगर कोरोना महामारी नहीं होती तो इन छात्रों को जून महीने में ही डिग्री मिल जाती। कोरोना की वजह से इन छात्रों का साल बर्बाद होने की कगार पर खड़ा है. इसलिए अब हाईकोर्ट के माध्यम से फ़ाइनल ईयर के छात्रों ने इस परीक्षा में सम्मिलित होने की मांग करते हुए याचिका दायर की है।

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